भारत सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। अब तक होम लोन, कार लोन, टू-व्हीलर लोन या पर्सनल लोन लेने में सबसे बड़ी शर्त CIBIL स्कोर हुआ करती थी। लेकिन 01 सितंबर 2025 से लागू हुए नए नियमों के तहत बैंक अब सिर्फ खराब सिविल स्कोर के आधार पर लोन देने से इनकार नहीं कर पाएंगे। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में साफ कहा है कि लोन लेने वालों को सिर्फ उनके स्कोर की वजह से रिजेक्ट नहीं किया जाएगा।
सिविल स्कोर का अब तक का महत्व
अब तक बैंक और फाइनेंस कंपनियां लोन पास करने से पहले CIBIL स्कोर चेक करती थीं। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और जितना ज्यादा स्कोर 900 के करीब होता है, उतना ही लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर स्कोर 600 से नीचे हो तो बैंक आम तौर पर लोन देने में आनाकानी करते थे। इसी कारण लाखों लोग, जिनकी फाइनेंशियल हिस्ट्री कमजोर थी, लोन पाने से वंचित रह जाते थे।
सरकार ने क्यों लिया यह कदम
सरकार का कहना है कि RBI के नियमों में कहीं भी यह तय नहीं है कि किसी विशेष स्कोर के नीचे लोन नहीं मिलेगा। बैंकों को पहली बार लोन लेने वाले लोगों को केवल स्कोर की कमी के आधार पर रिजेक्ट करने का हक नहीं होगा। इससे अब नए ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम में शामिल होने का मौका मिलेगा और क्रेडिट बाजार मजबूत होगा।
सिविल स्कोर कंपनियों की भूमिका
भारत में क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (CIR) बनाने वाली कई कंपनियां हैं—जैसे CIBIL, Experian, Equifax और Highmark। इनमें से CIBIL सबसे पॉपुलर है। देश के 60 करोड़ लोगों और सवा 5 करोड़ बिजनेस की क्रेडिट हिस्ट्री इन कंपनियों के पास दर्ज है। पैन कार्ड से लिंक होकर यह जानकारी तैयार होती है और बैंक इसी आधार पर लोन देने या न देने का निर्णय लेते हैं।
क्या अब बिना सिविल स्कोर लोन तुरंत मिलेगा?
सरकार ने साफ किया है कि सिविल स्कोर को पूरी तरह खत्म नहीं किया गया है, बल्कि इसे अनिवार्य क्राइटेरिया से हटाया गया है। बैंक अब भी लोन देने से पहले आपकी फाइनेंशियल हिस्ट्री, पिछले लोन का रिकॉर्ड, समय पर EMI भुगतान और अन्य फैक्टर्स की जांच करेंगे।
यानी कि सिविल स्कोर कम या न होने पर भी आपको मौका मिलेगा, लेकिन लोन अप्रूवल अब आपकी संपूर्ण आर्थिक स्थिति पर आधारित होगा।
लोगों को क्या फायदा होगा
इस फैसले से उन लोगों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, जो पहली बार लोन लेने जा रहे हैं या जिनका स्कोर कम है। अब उन्हें सीधे रिजेक्ट नहीं किया जाएगा। खासकर छोटे व्यवसायी, ग्रामीण ग्राहक और नई पीढ़ी के युवाओं को फायदा मिलेगा।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम आम जनता और वित्तीय बाजार दोनों के लिए सकारात्मक माना जा रहा है। लोन के लिए CIBIL स्कोर अब बाधा नहीं बनेगा, लेकिन जिम्मेदारी से लोन चुकाना और समय पर EMI भरना अभी भी सबसे अहम रहेगा। इससे न सिर्फ आपकी क्रेडिट हिस्ट्री सुधरेगी बल्कि आगे आपको बेहतर ब्याज दर पर बड़े लोन भी आसानी से मिल पाएंगे।